बाघों की मृत्यु पर घिरी महाराष्ट्र सरकार, बचाव के करेंगे इंतेज़ाम

नॉएडा:  एक आम नागरिक के प्रयास कैसे देश दुनिया में परिवर्तन ला सकते हैं इसका जीता जागता उदाहरण नॉएडा के समाजसेवी रंजन तोमर की एक आरटीआई के बाद आये बदलावों के बाद देखने को मिला है , गौरतलब है की हाल ही में श्री तोमर ने राष्ट्रिय बाघ संरक्षण ब्यूरो में एक आरटीआई के माध्यम से बाघों की मृत्यु के बारे में बीते  वर्ष की जानकारी मांगी थी, जिसके अनुसार सबसे ज़्यादा बाघों की मृत्यु महाराष्ट्र में (66 ) हुई थी जबकि मध्य प्रदेश भी इसमें पीछे नहीं था।  ऐसे में विपक्ष ने वहां की सरकार  को इस बाबत घेर लिया और  इस बाबत जवाब माँगा |

जिसके जवाब में स्वयं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सदन में जवाब देना पड़ा , उन्होंने ब्यूरो द्वारा प्रदान किये गए आंकड़े को  सही बताया और  सरकार द्वारा बाघों के बचाव में और भी ज़्यादा सख्त रुख अपनाने और नए प्रयास करने का आश्वासन सदन को दिया , यह जानकारी महाराष्ट्र के मीडिया में प्रमुखता से छपी है।
इसके आलावा मध्य प्रदेश में भी लगातार हो रहे बाघ के शिकार और मृत्यु पर भी श्री तोमर की आरटीआई का संज्ञान लेते हुए वहां की सरकार से विपक्ष ने जवाब माँगा है।  गौरतलब है की सबसे ज़्यादा शिकार के मामले में माध्यम प्रदेश भी  हर साल पहले अथवा दूसरे स्थान पर ही आता रहा है।
श्री तोमर ने संवाददाताओं से बात करते हुए यह कहा की यह ऐतिहासिक है क्यूंकि उनका मुख्य उद्देश्य यह ही है की उन जानवरों को बचाया जा सके जिनकी आवाज़ सरकारों तक नहीं पहुँचती ,कड़े नियमों के बाद शायद अब कुछ उम्मीद और जगी है , उन्होंने इसे एक बड़ी उपलब्धि माना , गौरतलब है की काज़ीरंगा राष्ट्रिय उद्यान में एक सींघ के गैंडों के लिए विशेष राइनो प्रोटेक्शन फाॅर्स भी श्री तोमर की आरटीआई और मंत्रालय को लिखे पत्रों के बाद ही  बनाई गई।

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