मानव धरती का एकमात्र स्वामी नहीं, सभी जीव का इस पृथ्वी पर समान अधिकार

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर टी.पी.एस. कॉलेज, पटना में एन.एस.एस. एवं एन.सी.सी. के छात्र-छात्राओं शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मचारियों द्वारा पौधारोपण किया गया उसके पश्चात ऑनलाइन माध्यम से एक वेविनार का आयोजन वनस्पजति विभाग द्वारा किया गया। जिसके मुख्य वक्ता प्रो. एम.पी. त्रिवेदी पटना विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष थे ।

कॉलेज कैम्पस में कॉलेज के प्राचार्य प्रो. उपेन्द्र  प्रसाद सिंह, राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो. कृष्णलनन्दान प्रसाद, कॉलेज के बड़ा बाबु मनोज कुमार सिंह, एकाउन्टेोट आलोक कुमार अन्य शिक्षकेत्तर कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राओं ने एक-एक पौधा लगाया।

वर्चुअल कार्यक्रम की शुरुआत प्राचार्य, प्रो (डॉ.) उपेंद्र प्रसाद सिंह के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के बारे में चर्चा की। प्रो. एम.पी.त्रिवेदी ने पर्यावरण संरक्षण में युवा वैज्ञानिकों की भूमिका के बारे में विस्तार से चर्चा की और इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को समाज के अंतिम तबके के लोगों तक पहुंचना चाहिए और पर्यावरण की समस्याओं और उनके व्यावहारिक समाधानों के बारे में जागरूकता पैदा करनी चाहिए। युवाओं को क्लबों, समाजों , संगठनो और संस्थानों का निर्माण करना चाहिए और इसके लिए स्वयंसेवा करना चाहिए। प्रो. त्रिवेदी ने वायु, जल और मिट्टी के प्रदूषण के बारे में विस्तार से चर्चा की और इस बात पर प्रकाश डाला कि कश्मीर की सुंदरता विविध जैव विविधता के कारण है। संरक्षण करना हमारा कर्तव्य है प्रत्येक जीवित जीव का इस पृथ्वी पर समान अधिकार है और मानव धरती का एकमात्र स्वामी नहीं है। प्रो. एम.पी.त्रिवेदी ने बिहार सरकार की ‘जल, जीवन, हरियाली’ परियोजना पर प्रकाश डाला, जिसमें बिहार के माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर लक्ष्य के रूप में 5 करोड़ पेड़ लगाने का संकल्प लिया ।

हम सभी शहरों में रहते है तो कम से कम अपने घरों-छतों और वालकोनी में भी पौधा लगाकर वातावरण को शुद्ध करने का प्रयास कर सकते है । हमारा सार्थक प्रयास ही एक दिन जीवन दायनी पर्यावरण सिद्ध हो सकता है ।

वर्चुअल कार्यक्रम में प्रो. रूपम, प्रो. रजनी, डॉ. शिवम यादव, डॉ. कृष्णनंदन प्रसाद, प्रो. श्यामल किशोर, डॉ. उदय, डॉ. प्रशांत के साथ कई छात्र-छात्राओं ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया । कार्यक्रम का संचालन डॉ. बिनय भूषण ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नूतन कुमारी ने किया ।

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