गैर जिम्मेदाराना बयानबाजी कर लोगों में भ्रम फैला रहे हैं तेजस्वी: मंगल पांडेय

पटना:  कोरोना काल में भी लगातार गलत और भ्रामक बयान देकर बिहार की आवाम को प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव द्वारा दिगभ्रमित किये जाने का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कड़ा प्रतिरोध किया है। गुरुवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए मंत्री ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का बयान पूरी तरह गैर जिम्मेदाराना ही नहीं, बल्कि वे कत्र्तव्य विमुख भी है। आपदा के समय जहां पीड़ित लोगांे को सहायता देने की जरूरत है, वहीं वे राजनीति के डोर में इसे बांध रहे हैं। गुरुवार को तो उन्हांेने झूठे आंकड़ों को प्रस्तुत कर हद ही पार कर दी।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वे 3 अगस्त को विधान सभा में दिए गए अपने बयान पर आज भी कायम हैं। सदन में जांच का जो आंकड़ा मैंने दिया था वह सही है और आज भी मैं पूरी जिम्मेवारी के साथ वही बात दोहरा रहा हूं। उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री के हवाले से अभी तक 6,100 जांच की बात का प्रचार कर रहे हैं। वह तथ्यों को तोड़ मरोड़कर लोगों के सामने रख रहे हैं। सच्चाई यह है कि माननीय मुख्यमंत्री ने यह आंकड़ा एक दिन की जांच आरटीपीसीआर से होने की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को जिम्मेवारी के साथ तथ्यांे को सार्वजनिक तौर पर रखना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि बिहार में अभी पिछले 24 घंटे में जांच का आंकड़ा एक लाख चार हजार 452 हो गया है। इसमे 6,100 आरटीपीसीआर मशीन से तथा 4,400 ट्रू नेट मशीन एवं शेष सैम्पल की जांच रैपिड एंटीजेन टेस्ट किट से हो रहा है। आबादी की दृष्टि से बिहार में यह जांच अन्य राज्यों से सर्वाधिक है। इससे लोगांे को राहत पहुंच रही है।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आरटीपीसीआर एवं ट्रू नेट मशीन से जांच कराकर 20,000 के पार ले जाने का मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है। इस जांच के लिए बिहार में अभी 16 मशीनें हैं और भारत सरकार से 9 और आने वाली है वही राज्य सरकार 10 मशीनें क्रय कर रहीं है। इसी तरह एक दिन में 3,600 सैम्पलों की जांच करने वाली दो कोवास मशीनें भी माननीय मुख्यमंत्री के आग्रह पर भारत सरकार से शीघ्र उपलब्ध होने वाली है।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष के गैर जिम्मेदाराना बयान का वीडियो दिखाते हुए बताया कि 7 जुलाई को उन्हांेने कहा था कि बिहार मंे एकमात्र कोविड डेटिकेटेड अस्पताल एनएमसीएच है, जबकि बिहार मंे उस समय तीन कोविड डेटिकेटेड अस्पताल क्रमशः एनएमसीएच, पटना एएनएमएमसीएच, गया और जेएलएनएमसीएच, भागलपुर में चल रहा था और मरीजों का इलाज भी हो रहा था। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पर आरोप लगाया कि कोरोना काल के शुरूआत मंे डेढ़ माह तक वे बिहार से गायब रहे। जनता को कभी बताया नहीं कि वे कहां थे।
इसी तरह चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों को देखने नेता प्रतिपक्ष न पिछली बार और ना इस बार मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच गए, लेकिन वहां के बारे में तथ्यहीन बयान लगातार देकर लोगों मंे भ्रम पैदा कर रहे हैं। इस बार जहां चमकी बुखार से केवल 120 पीड़ित बच्चे अस्पताल में भर्ती हुए थे, वहीं 14 बच्चों की दुःखद मृत्यु हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी कम है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को सलाह दी कि उनके बड़े भाई स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं एवं बड़ी बहन डाॅक्टर हैं। वे उनसे कुछ सीखें उसके बाद कोई बयान दें। साथ ही अनर्गल बयानबाजी की राजनीति से परहेज करें।

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