खिलाडियों के भविष्य को अंधकार में डाल रहे निजी खेल संस्थान

गेटर नोएडा:  देश में कई ऐसे खेल संस्थान है जो बगैर मान्यता के ही चल रहे हैं।फिर भी ऐसे संस्थान खेल सिखाने के नाम पर गुमराह करके खिलाडियों से मोटी फीस वसूल कर खिलाडियों के भविष्य को अंधकार में डाल रहे है।लेकिन फिर भी ऐसे संस्थानों पर कारवाई ना होने पर सरकार के ऊपर कई सवाल उठते है।और तो और ऐसे संस्थानों से प्रशिक्षित बच्चों को अपने खर्च पर स्पर्धाओं में भाग लेना पड़ता है।ऐसे ही एक मामला गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा का है जहा खेल मंत्रालय से बगैर मान्यता लिये ही खेल संस्थान स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया चल रहा है।

बगैर मान्यता के चल रहे इस संस्थान में हजारों खिलाडियों के भविष्य को अंधकार में डाला जा रहा है।बताते चले कि इस संस्थान का विवादों से चोली दामन का साथ रहा है।इससे पहले  2017 में एडीलेड ऑस्ट्रेलिया में संपन्न वर्ल्ड पैसिफिक स्कूल गेम में भारतीय हॉकी और फुटबॉल टीम की महिला खिलाड़ी की मृत्यु के बाद से उपजे विवाद को लेकर खेल मंत्रालय ने स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की मान्यता स्थगन की कार्रवाई की थी।इस सम्बंध में उप क्रीड़ा अधिकारी गौतमबुद्ध नगर अनीता नागर ने कहा कि सभी खिलाड़ियों से अनुरोध है खिलाड़ी खेलने से पूर्व अपने खेल की जानकारी गूगल से या जिला खेल कार्यालय गौतम बुध नगर से प्राप्त कर सकते हैं कि कौन सी संस्था जो खेलों का आयोजन करा रही है मान्यता प्राप्त है या नही अब कोविड-19 का प्रकोप कम हो गया है तो सभी खेलों का आयोजन सरकारी स्तर पर किया जाएगा सभी खिलाड़ी कोशिश करें कि मैं सरकारी खेलों में अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग करें और अपना भविष्य सुरक्षित रखें

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