पीस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी से किया किनारा, मूल सिद्धांतों से भटकने का आरोप

नोएडा: पीस पार्टी की गलत नीतियों की वजह से एक के बाद एक कई लोगों ने पार्टी का दामन छोड़ दिया है।जिसकी वजह से पार्टी टूटने की कगार पर आ पहुंची है।कुछ समय पूर्व पार्टी के प्रदेश महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव ने अपने समर्थकाें के साथ पीस पार्टी छोड़ दी थी।अब पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुर्जर ने एक धर्म विशेष की उपेक्षा करने व
पार्टी के द्वारा मूल सिद्धांतों से भटकने का आरोप लगाते हुये पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुर्जर ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुये कहा कि मुझे बड़ा दुख है कि पीस पार्टी में रहते हुए मेरे द्वारा पिछड़ों,पसमादा एवं दलितों के साथ-साथ जेल में बंद आजम खान तथा अन्य नेताओं की आवाज उठाने के साथ ही मेरे द्वारा पीस पार्टी को जनता में लोकप्रिय बनाने के लिए तमाम उल्लेखनीय कार्य किए गए एवं समय-समय पर विभिन्न मुद्दों को धरना एवं प्रदर्शन के माध्यम से ज्ञापन देकर सरकार के संज्ञान में लाया गया एवं जनता के मुद्दों की लड़ाई लड़ी गई।मेरे द्वारा विश्व शाँति मिशन के भारत बचाओ संविधान बचाओ अभियान को एक आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया गया तथा पूरे देश में मेरे द्वारा शुरु किए गए इस आंदोलन को सराहा भी गया।मेरी बढ़ती हुई लोकप्रियता को पीस पार्टी में बैठे कुछ तथाकथित सेकुलरवादी भयभीत हो गये।इसके बाद इन लोगों साजिश के तहत पहले भारतीय जन जागृति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी संत युवराज महाराज को निशाना बनाया।स्वामी संत युवराज महाराज वो व्यक्ति है जिन्होंने उत्तर प्रदेश में पीस पार्टी को समर्थन दिया था।लेकिन फिर भी खलीलाबाद में रैली के दौरान मंच पर चढ़ने नहीं दिया गया।जिसका कारण सिर्फ इतना था कि वह मेरे साथ गए थे।अपने भाषणों में पीस पार्टी के नेता गण केवल मुस्लिम कयादत की बातें करते हैं एवं निजाम ए मुस्तफा कायम करने की बातें करते हैं।
इनका सेकुलर समाज से कोई लेना देना नहीं है।पीस पार्टी में तमाम तथाकथित राष्ट्रीय प्रवक्ता भी उत्पन्न हो गए हैं जो लगातार फेसबुक एवं ट्विटर के माध्यम से उटपटांग बातें वायरल करते रहते हैं। जो किसी भी देशभक्त को पसंद नहीं आएंगी। ऐसे लोगों को समझाया गया लेकिन पार्टी के जिम्मेदारों लोगों ने उन्हें बढ़ावा देकर हमारी बातों को नजर अंदाज ॥किया। पीस पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता एवं पीस पार्टी के प्रदेश महासचिव अरुण कुमार श्रीवास्तव जोकि एक विधानसभा सीट से घोषित प्रत्याशी थे उनका अपमान उत्तर प्रदेश के प्रभारी ने केवल इसलिए किया क्योंकि वो एक धर्म विशेष से तालुक रखते है।उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष होने के नाते मेरी जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि मैं पार्टी को लोकप्रिय बनाने और चुनाव में उसे जीत दिलाने के लिए अपने अस्तर से रणनीति बनाऊँ, परंतु तथाकथित सेकुलर नेताओं को मेरी कोई भी सलाह पसंद नहीं आयी।जिसके कारण पार्टी के साथ ही मेरी भी छवि खराब हो रही है।
ऐसी स्थिति में पीस पार्टी में बने रहना उचित नहीं प्रतीत होता है।अतः आज दिनांक 7 मार्च 2022 से मैं संजय गुर्जर पीस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद से तथा पीस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देते हुए अपने आपको पीस पार्टी के सभी क्रियाकलापों से मुक्त करता हूं और ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि पीस पार्टी के जिम्मेदार लोगों को सद्बुद्धि दे एवं ईश्वर से पीस पार्टी के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूं ।

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