शिक्षा पर अगले पांच सालों में तीन लाख करोड़ रुपये खर्च किए जायेंगे: बिधूड़ी

नई दिल्ली:  भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने आज कहा कि केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति 2.0 के अंतर्गत आने वाले पांच सालों में शिक्षा विस्तार पर तीन लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नई शिक्षा नीति में निजी और सरकारी विद्यालयों में तीन साल के बच्चों का नामांकन किया जाएगा। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि देश के 11.6 लाख विद्यालयों में 15 करोड़ से अधिक विद्यार्थी हैं जिन्हें 57 लाख शिक्षक शिक्षा देते हैं उन्हें भी ट्रेनिंग की व्यवस्था इस शिक्षा नीति के अंतर्गत की गई है। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल उपस्थित थे।

रमेश बिधूड़ी ने कहा कि नए बजट में प्ले स्कूल, बाल वाटिका, सुरक्षा, व्यवसायिक शिक्षा सहित तमाम व्यवस्थाएं दी गई हैं। बच्चों की रुचि के अनुसार उसको शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए कहा कि कुछ दिन बाद ही नई शिक्षा नीति का असर दिल्ली में देखने को मिल सकता है। केंद्र सरकार की इस नीति को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपनी नीति बताकर करोड़ों रुपये का प्रचार करने में लगे हैं। करोड़ों रुपये खुद का चेहरा चमकाने में जिस तरह से केजरीवाल ने बर्बाद कर दिए, अगर वही रुपये उन्होंने झुग्गी-झोपड़ी और दिल्ली के मूलभूत सुविधाओं को सुधारने में लगाए होते तो आज दिल्ली की तस्वीर कुछ अलग होती। केंद्र सरकार काम करती है और केजरीवाल सिर्फ अपना चेहरा चमकाने का काम करते हैं।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट ऑफिस (आर.टी.ओ.) में होने वाले 18 कामों को केंद्र सरकार ने मार्च 2021 में ही पूरे देश में ऑनलाइन लागू कर दिया था, लेकिन केजरीवाल अब केंद्र सरकार की इस सुविधा को भी अपना बताकर करोड़ों रुपये का पोस्ट-होर्डिंग्स पूरे दिल्ली में लगवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हकीकत तो यही है कि केजरीवाल सरकार पूरी तरह से झूठे वादें और प्रचार पर टिकी हुई है। केंद्र सरकार की योजनाओं पर अपने नाम का लेबल लगाना और अपनी नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ना केजरीवाल की दिनचर्या बन चुकी है।
श्री बिधूड़ी ने कहा कि कानून में बदलाव करने का अधिकार केंद्र सरकार का है। राज्य सरकार का काम सिर्फ उन बदलावों को लागू करवाना है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल का विकास इसी से समझा जा सकता है कि पिछले सात सालों में उन्होंने 1000 करोड़ रुपये विज्ञापनों पर खर्च किया है।

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