जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह का पीलीभीत में बाढ़ कार्यो का निरीक्षण

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार के जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह ने जनपद पीलीभीत में चल रहे बाढ़ सुरक्षा कार्याें का निरीक्षण किया तथा मानसून से पूर्व जनता को बाढ़ से सुरक्षा प्रदान किये जाने के दृष्टिगत बाढ़ परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व 31 मई, 2021 तक पूर्ण किये जाने के निर्देश दिये। साथ ही बाढ़ सम्बन्धी समस्त तैयारियां मानसून से पूर्व सुनिश्चित किये जाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में नालों की सफाई भी वर्षा काल से पूर्व पूर्ण किये जाने के निर्देश दिए।

पत्रकारों से वार्ता करते हुए मंत्री जी ने अवगत कराया कि कोविड महामारी के बावजूद सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ की तैयारियों के समस्त कार्य समयानुसार कराये जा रहे है। वर्ष 2020-21 में सिंचाई विभाग के अन्तर्गत 254 बाढ़ परियोजनाएं संचालित थीं। जिनमें से 83 परियोजनाओं के कार्य बाढ़ काल 2020 के प्रारम्भ होने से पूर्व माह जून तक पूर्ण कर लिए गये थे तथा शेष परियोजनाओं के कार्य सुरक्षित स्तर तक इस प्रकार सम्पादित कराये गये कि उनका लाभ जनता को प्राप्त हो सके। अतिसंवेदनशील स्थलों जिन पर बाढ़ परियोजनाएं स्वीकृत नहीं थी, उन स्थलों पर अनुरक्षण मद से अति आवश्यक कार्य कराकर बाढ़ से सुरक्षा प्रदान की गयी। माह दिसम्बर, 2020 तक 146 परियोजनाएं पूर्ण की गयी तथा वर्ष के अन्त तक अर्थात माह मार्च, 2021 तक 193 परियोजनाएं पूर्ण की गयी। वर्तमान वर्ष में अब तक कुल 213 परियोजनाएं पूर्ण हुई है। शेष परियोजनाओं के कार्य प्रगति पर हैं तथा आसन्न मानसून से पूर्व पूर्ण किये जाने हैं।

डा0 महेन्द्र सिंह ने अवगत कराया कि प्रदेश सरकार निरन्तर इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है कि बाढ़ बचाव कार्य समय से प्रारम्भ हों, गुणवत्तापरक हों तथा पूर्ण पारदर्शिता से  सम्पादित कराये जाएं। इस वर्ष 2020-21 के बाढ़ काल की तैयारियों के दृष्टिगत मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा एक साहसिक एवं अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए पिछले वर्ष के माह जनवरी, 2021 में ही  बाढ़ कार्य हेतु पुनर्विनियोग के माध्यम से धनराशि उपलब्ध करायी गयी, जिसके अन्तर्गत 184 नई बाढ़ परियोजनाओं पर धनराशि स्वीकृत की गयी तथा समस्त कार्य माह फरवरी, 2021 में प्रारम्भ कर दिये गये। विश्वव्यापी कोरोना महामारी के संकट काल में भी और पंचायत चुनाव सम्पन्न होने के बावजूद बाढ़ परियोजनाओं में तेजी से कार्य किया गया, जिसके फलस्वरूप 10 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी है तथा शेष में से अधिकांश परियोजनाएं पूर्णता की ओर अग्रसर है। समस्त परियोजनाओं के कार्य आसन्न मानसून पूर्व 31 मई, 2021 तक कराये जाने हेतु लक्षित है।

परियोजनाओं के कार्य मानसून के पूर्व होने से जनता जनार्दन बाढ़ से सुरक्षित होगी और जनधन की हानि नहीं होगी। यदि दूरदृष्टि रखकर समय से धनराशि निर्गत करने का यह निर्णय नहीं लिया गया होता तो वर्तमान कोरोना महामारी के कारण बाढ़ कार्यो के समय से क्रियान्वयन में कठिनाई का सामना करना पड़ता।

जलशक्ति मंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के दौरान जलप्लावन की समस्या के निराकरण करने के उद्देश्य से समस्त ड्रेनों/नालों की सफाई कराये जाने का अभियान भी प्रारम्भ किया गया है। ड्रेनों/नालों के इस सफाई कार्यक्रम में उन पर निर्मित क्षतिग्रस्त पुल/पुलियों के जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा। विभाग के अन्तर्गत कुल 10787 नाले है जिनकी कुल लम्बाई 60205 किमी0 है। इनमें से वित्तीय वर्ष 2019-20 में 2751 नालों की 13300 किमी0 लम्बाई, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 2481 नालों की 12073  किमी0 लम्बाई में सफाई कराई गयी। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2021-22 में 4811 नालो की 23944 किमी0 लम्बाई में सफाई करायी जा रही है। नालों पर सफाई के कार्यो से ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि जलप्लावन से मुक्त हो सकेगी जिससे कृषकों की फसलों की क्षति को रोका जा सकेगा।

जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह जी ने कार्याें में लगे अधिकारियों को कार्याे की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये तथा आगाह किया कि बाढ़ कार्यों में किसी भी अधिकारी/कर्मचारी के द्वारा कदापि कोई शिथिलता न बरती जाये। यदि इन कार्याे मंे किसी अधिकारी/कर्मचारी द्वारा कोई लापरवाही की जाती है तो उनके विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जायेगी। ठेकेदारों को भी सचेत किया कि महामारी की आड़ में यदि किसी ठेकेदार के कार्य में गुणवत्ता प्रभावित होती है तो उनका भुगतान बिल्कुल नहीं किया जायेगा।

कार्य स्थल पर उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए डा0 महेन्द्र सिंह  ने कहा कि कोरोना के संक्रमण से बचाव के दृष्टिगत कार्य स्थल पर प्रोटोकाल के निर्देशों का कड़ाई से सतत् अनुपालन सुनिश्चित किया जाये तथा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाईजर आदि उपलब्ध कराते हुए उन्हे बार-बार इसके प्रयोग के निर्देश भी दिये जाये। निरीक्षण उपरान्त जलशक्ति मंत्री डा0 महेन्द्र सिंह कार्य की प्रगति एवं गुणवत्ता से संतुष्ट नजर आये। निरीक्षण के समय सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियन्ता (परि0 एवं नियो0) अशोक कुमार सिंह, मुख्य अभियन्ता (शारदा) बरेली सूरज पाल सिंह, अधीक्षण अभियन्ता श्री शरद कुमार सिंह, अधिशासी अभियन्ता शैलेश कुमार व बृजेश पोरवाल आदि उपस्थित रहे।

Facebook Comments