अतिपिछड़ों के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने वाले चुनावी नेता होंगे धराशायी:राजीव रंजन

पटना, नवंबर 12, 2018: अतिपिछड़ो के नाम पर खुद की राजनीति चमकाने वाले नेताओं को निशाने पर लेते हुए पिछड़ा समाज के नेता तथा पूर्व विधायक राजीव रंजन ने कहा “ गौर करें तो बिहार में हर चुनाव में कुछ ख़ास स्वघोषित नेतागण उभर कर सामने आते हैं, जिनका चुनाव बाद कहीं अता-पता भी नही रहता. इनके बयानों को देखें तो ऐसा लगता है कि अपनी जाति का विकास नही होने का सबसे ज्यादा दुःख इन्हें ही है और जब तक इनकी जाति का भला नही होगा तब तक न तो इन्हें नींद आने वाली है और न तो इनका खाना ही पचने वाला है. लेकिन हर बार हकीकत इसके साफ़ उलट होती है. हर बार यह आसमानी नेता अपनी बोली से पिछड़े-अतिपिछडे समाज के सीधेपन का फायदा उठा पहले इन्हें आपस में ही जातियों के नाम पर लड़वाते हैं और फिर बाद में इनके वोटों को अपने राजनीतिक आकाओ को सौंप इस समाज के दुःख तकलीफ से अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. चुनाव दर चुनाव इनका यही रवैया रहता है. इनकी राजनीति पिछड़ों का भावनात्मक दोहन करने से शुरू होती है और चुनाव में इनके वोटों का आपस में बंटवारा कर समाप्त हो जाती है. इस बीच मीडिया इनकी पोल खोलती भी है तो यह उसे भी निशाना बनाने से बाज नही आते. लेकिन आज सोशल मीडिया के युग में लोग इनकी चालों को समझने लगे हैं. लोगों को पता चल चुका है इन नेताओं के लिए विकास का मतलब सिर्फ अपना और अपने परिवार का विकास करना है. अपने समाज को इन चुनावी नेताओं के चंगुल से बचाने तथा उनमे आपसी एकजुटता लाने के लिए हम जो राज्यव्यापी अभियान चला रहे हैं, उसमे भी लोगों का यही रुझान आ रहा है. मीडिया के माध्यम से जो जागरूकता हमारे समाज में आ रही थी, आज हमारे अभियान से उसे और बल मिल रहा है. अतिपिछड़ों के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने वाले यह नेतागण समझ लें कि आगामी चुनाव में उन्हें यह समाज मुहतोड़ जवाब देने वाला है और वक्त रहते अगर उन्होंने अपनी राजनीति में बदलाव नही किया तो उन्हें पूरी तरह धराशायी होने से उनके राजनीतिक आका भी नही बचा पाएंगे.”  

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