अराजकता में अवसर तलाश रही है कांग्रेस: राजीव रंजन

पटना: लखीमपुर खीरी की घटना पर कांग्रेस पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि कांग्रेस की पुरानी आदत है सियासी फायदे के लिए हिंसा की आग में राजनीति की रोटियां सेंकना. जब भी कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई है, समर्थन बढ़ाने और हित साधने के लिए हिंसा और खूनखराबा करने वालों के साथ सांठगांठ से भी गुरेज नहीं करती.

देश का अमन चैन भले की खतरे में पड़े, हिंसा में लोगों को जान गंवानी पड़े, आगजनी में जान माल की नुकसान हो, सरकारी संपत्ति की बर्बाद हो, लेकिन अगर इससे राजनीतिक फायदा है तो कांग्रेस उससे कभी परहेज नहीं करती.

उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी की दुर्भाग्यपूर्ण घटना में भी कांग्रेस आग बुझाने के बजाए उसे और भड़काने का प्रयास कर रही है. इन्हें पता है कि इन यूपी चुनावों में कांग्रेस की बची-खुची इज्जत भी रसातल में जाने वाली है, जिसका ठीकरा सीधे-सीधे राहुल-प्रियंका में माथे पर फूटेगा. इसीलिए कांग्रेस के नेता अब अराजकता में अवसर ढूंढने लगे हैं. इनका प्रयास है कि यूपी में दंगों के सहारे वोटों की फसल बटोरी जाए.

श्री रंजन ने कहा कि यूपी में दंगे भड़काने के लिए कांग्रेस इतनी बेचैन है कि उनसे इस मामले की जांच पूरी होने का भी इंतजार नहीं हो रहा. उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बावजूद इनके नेताओं का दुष्प्रचार थम नहीं रहा. इनकी मंशा है कि इसी तरह की घटनाएं पूरे देश में हों और इनके राजकुमार और राजकुमारी अपनी राजनीति चमका पाए.

कांग्रेस से सवाल पूछते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा कि यदि उन्हें किसानों की इतनी ही फ़िक्र है तो उनके शासित पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में स्थानीय मुद्दों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठियां क्यों चल रही है? पंजाब में क्यों किसानों को वित्तमंत्री के घर का घेराव करना पड़ रहा है?

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