कुशीनगर से श्रीनगर तक विश्व शांति मिशन शांति यात्रा निकालने की मांग 

नोएडा:  कश्मीर घाटी में 370 धारा हटने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि अब घाटी में शांति हो जाएगी और पूरे देश के लोगों को वहां बसने का रास्ता धीरे-धीरे साफ हो जाएगा। जैसा कि सरकार द्वारा प्रचारित भी किया गया था, परंतु वास्तव मे तो  ऐसा कुछ नहीं हुआ। कश्मीर घाटी में लगातार आतंकवादी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और रह रह कर आतंकवादियों द्वारा कभी सेना के, कभी बीएसएफ के, कभी सीआरपीएफ के व कभी कश्मीर पुलिस के जवानों को शिकार बनाया जाता रहा है और साथ ही आम जनता को भी आतंकवादियों द्वारा शिकार बनाया गया है।

बड़गांव में राहुल भट्ट की हत्या आतंकवादियों द्वारा किया जाना टारगेट किलिंग की घटना है। सरकारी कार्यालय में घुसकर आतंकियों द्वारा नाम पूछ कर गोली मारा जाना यह साबित करता है यह टारगेट किलिंग है। उनकी पत्नी मीनाक्षी ने जैसा कि समाचार चैनलों पर प्रसारित किया जा रहा है बताया था कि राहुल ने अपने स्थानांतरण के लिए प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन उनके विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। रियाज अहमद नामक एक एसपीओ को भी इसी बीच आतंकवादियों द्वारा मारे जाने की खबर चैनलों पर चल रही है, रियाज अहमद को पुलवामा में घर में घुसकर के गोली मारी गई है। इन दोनों घटनाओं के घटित होने से यह साबित होता है आतंकवादी गतिविधियों का कश्मीर से पूरी तरह सफाया करने में भारत सरकार असफल रही है।
सबको पता है कि कश्मीर का आतंकवाद पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद है। कश्मीर में ऐसी घटनाओं से पूरा देश उद्वेलित है। अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने आतंकवादियों के प्रति उदारता दिखाने वाली महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री नहीं बनाया होता तो शायद ऐसी घटनाओं में कमी आ सकती थी। महबूबा मुफ्ती को मुख्यमंत्री बनाया जाना भारतीय जनता पार्टी की सबसे बड़ी भूल रही है जिसका खामियाजा आज कश्मीर की जनता को भुगतना पड़ रहा है। भारत  बचाओ संविधान बचाओ आंदोलन इस घटना को गंभीरता से लेता है और सरकार से मांग करता है कि भारत बचाओ संविधान बचाओ आंदोलन के लोगों को विश्व शांति मिशन शांति यात्रा कुशीनगर से श्रीनगर तक निकालने की अनुमति प्रदान करें।जिससे देश के लोगों को एक संदेश जाए और साथ ही कश्मीरी आतंकवादियों को समर्थन देने वाले पाकिस्तान को एक संदेश जाए कि भारत की जनता एकजुट है और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का घोर विरोध करती है और भारत की एकता अखंडता का प्रमाण देने के लिए और आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ऐसी यात्राओं का किया जाना आवश्यक भी है।

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