देश के प्रथम PM की प्रतिमा को तोड़ा जाना भाजपा की कुंठित मानसिकता का द्योतक

गोरखपुर:  भारत बचाओ संविधान बचाओ आंदोलन के संयोजक अरुण कुमार श्रीवास्तव ने एक विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि आज देश के प्रथम प्रधानमंत्री स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित जवाहरलाल नेहरू की 58वीं पुण्यतिथि पर देश उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है ।

बड़े ही खेद की बात है कि एक तरफ देश के प्रथम प्रधानमंत्री की 58 वीं पुण्यतिथि है और दूसरी तरफ नफरत बाजों द्वारा मध्यप्रदेश के सतना में उनकी मूर्ति को लाठी-डंडों से मारा गया और उसे खंडित करके जमींदोज करने का वीडियो वायरल किया गया ।इस देश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है विगत 8 वर्षों से महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सर सैयद अहमद और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जैसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मूर्तियों को उनकी पुण्यतिथि या जन्मतिथि के अवसर पर खंडित करके फर्जी राष्ट्रवादियों द्वारा जिनके पास अपना कहने के लिए एक भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं है और कांग्रेस के नेताओं को अपना आदर्श बनाए हुए हैं देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को अपमानित करने के लिये उनकी मूर्तियों को खंडित किया जाना मात्र उनका ही नहीं बल्कि देश का घोर अपमान किया जाना समझा जाना चाहिए। जिस तरह मध्य प्रदेश के  सतना में पंडित जवाहरलाल नेहरु की मूर्ति को खंडित करके और उसका वीडियो वायरल किया गया है और इस संबंध में सरकार द्वारा कोई कार्यवाही करने की अभी तक गोदी मीडिया ने कोई खबर नहीं फैलाई है यह साबित करता है कि इन तथाकथित फर्जी राष्ट्रवादियों को सरकार का मौन समर्थन प्राप्त है। क्या भारत सरकार में इतना दम है कि वह मध्य प्रदेश की सरकार को इस कुकृत्य के लिए बर्खास्त कर सकें अगर इस सरकार में राष्ट्रवाद का एक परसेंट भी अंश होगा तो ऐसा कुकृत्य करने वालों को एवं उन्हें संरक्षण देने वाली सरकार को सबक सिखाने के लिए कोई कार्यवाही जरूर करेगी।  कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि जिस देश में जिस चंपारण ने महात्मा गांधी को मोहनदास से महात्मा गांधी बना दिया उसी चंपारण में वर्ष 2019 में फर्जी देश भक्तों द्वारा उनकी मूर्ति को खंडित करके तोड़ दिया गया था, तमिलनाडु में बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की मूर्ति को बुलडोजर लगाकर के तोड़ दिया गया था, लेकिन फर्जी राष्ट्र भक्तों की सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया। यह सारे कुकृत्य साबित करते हैं कि यह सरकार वास्तव में देश में क्या चाहती है। देश की धरोहर को नष्ट करके और हर जगह मात्र नाम बदलकर अपना नया इतिहास बनाना चाहती है। भारत बचाओ संविधान बचाओ आंदोलन इसका घोर विरोध करता है एवं सरकार से मांग करता है कि कम से कम बेमन से ही सही इन फर्जी राष्ट्रवादियों के विरुद्ध दिखावा ही सही कुछ कार्यवाही तो करें, देश तो यह जान ही चुका है कि इस सरकार की मंशा क्या है।

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