थेलेसीमिया पीड़ितों का जीवन बचाने को आगे आया डेरा सच्चा सौदा

चंडीगढ़:  थैलेसीमिया से पीड़ित छोटे बच्चों को राहत भरी ‘एक मुस्कान’ देने के लिए डेरा सच्चा सौदा के हजारों श्रद्धालु शुक्रवार को देश भर के अलग-अलग जिलों में रक्तदान के लिए उमड़ पड़े। कई जगह पर डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालु मांग से भी ज्यादा खूनदान करने के लिए पहुंचे। शुक्रवार शाम तक मिली जानकारी अनुसार डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने 7980 यूनिट रक्तदान किया। समाचार लिखे जाने तक कई राज्यों व जिलों में रक्तदान का क्रम जारी था।

देश में सर्वाधिक रक्तदान हरियाणा में हुआ, जहां पर करीब 2402 यूनिट रक्तदान किया गया, जबकि पंजाब में लगभग 2619 यूनिट रक्तदान किया गया। इसके अलावा दिल्ली में 1479, राजस्थान में 670, उत्तर प्रदेश में 590, चंडीगढ़ में 80, उत्तराखण्ड में 140 यूनिट रक्तदान किया गया।
जानकारी अनुसार देश में चल रही कोरोना की महामारी के दौरान बड़ी संख्या में ब्लड बैंक रक्त की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में थैलेसीमिया जैसी बीमारी से निपटना भी मुश्किल हो रहा है। इस मुश्किल दौर में डेरा सच्चा सौदा, सिरसा ने अपना मदद का हाथ बढ़ाते हुए देशभर के सभी राज्यों में रक्त की कमी को दूर करने का बीड़ा उठाया।

थैलेसीमिया बीमारी से जूझ रहे छोटे बच्चों के लिए बड़े स्तर पर खूनदान की इस मुहिम को ‘एक मुस्कान’ नाम दिया गया।

डेरा सच्चा सौदा की प्रबंध समिति ने जानकारी देते हुए बताया कि डेरा सच्चा सौदा पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के नेतृत्व में पिछले कई दशकों से रक्तदान करता आ रहा है और रक्तदान करने में डेरा सच्चा सौदा के नाम कई बड़े विश्व रिकार्ड भी दर्ज हैं। कोरोना महामारी के चलते देश के कई बड़े ब्लड बैंक में रक्त की कमी से जूझ रहे हैं, जिसे दूर करने के लिए ब्लड बैंकों की ओर से डेरा सच्चा सौदा को रक्तदान के लिए लिखित मांग पत्र भेजे गए थे। ब्लड बैंकों की ओर से आए मांग पत्रों को देखते हुए मानवीय कार्यों में अग्रणी डेरा सच्चा सौदा ने देशभर में बड़े स्तर पर रक्तदान किया है।

प्रबंध समिति ने आगे बताया कि थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को रक्त की सबसे ज्यादा जरूरत रहती है, थेलेसीमिया पीड़ित बच्चों की पीड़ा को देखते हुए आज रक्तदान किया गया और भविष्य में जब भी रक्त की मांग आएगी तो डेरा सच्चा सौदा रक्तदान करने के लिए सदैव तैयार है।

डेरा सच्चा सौदा प्रबंध समिति ने बताया कि आज राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ ओर उत्तराखंड सहित कई अन्य राज्यों में रक्तदान किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना महामारी में रक्तदान के दौरान रक्तदानियों द्वारा सुरक्षा मानकों का पूर्ण पालन किया गया। जिन भी राज्यों व जिलों के ब्लड बैंक में डेरा सच्चा सौदा के श्रद्धालुओं ने रक्तदान किया है, वहां रक्तदानी मास्क पहनने के साथ-साथ सेनेटाइजर भी लेकर आए और एक निश्चित दूरी पर रहते हुए रक्तदान किया।

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रक्तदान में डेरा सच्चा सौदा के नाम अनेक रिकॉर्ड
डेरा सच्चा सौदा के नाम रक्तदान के क्षेत्र में 5 विश्व रिकार्ड दर्ज है, जिनमें से 3 गिनीज बुक रिकार्ड, 1 लिम्का बुक रिकॉर्ड और 1 एशिया बुक रिकार्ड में दर्ज हैं। इसके साथ ही अब तक 154 से ज्यादा रक्तदान शिविर लगाकर डेरा सच्चा सौदा 5 लाख 32 हजार 321 यूनिट रक्तदान कर चुका है, यह क्रम निरंतर जारी है।
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थैलेसीमिया पीड़ितों की मदद को हमेशा आगे रहा है डेरा सच्चा सौदा
थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों की मदद के लिए डेरा सच्चा सौदा हमेशा आगे रहा है और यह पहला मौका नहीं है जब थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान किया गया हो, इससे पहले भी सैकड़ों बार डेरा सच्चा सौदा की ओर से थैलेसीमिया ग्रस्त बच्चों के लिए रक्तदान किया गया है। परंतु मौजूदा समय में कोरोना महामारी में जब कोई रक्तदान करने के लिए आगे नहीं आ रहा है तो ऐसे मौके पर भी डेरा सच्चा सौदा ही रक्तदान के लिए सबसे पहले आगे आया है।

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