प्रधानमन्त्री मोदी के संकल्प से सिद्धि का जीवंत प्रमाण है काशी विश्वनाथ धाम

पटना: काशी विश्वनाथ धाम के नवनिर्माण को हर भारतवासी के लिए गौरव का क्षण बताते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष राजीव रंजन ने आज कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण करके प्रधानमन्त्री मोदी ने एक नये युग का सूत्रपात किया है. भारत की आदि सनातन संस्कृति, आध्यात्मिक आत्मा और प्राचीन परम्पराओं के प्रतीक इस दिव्य धाम का यह भव्य निर्माण प्रधानमन्त्री मोदी के संकल्प से सिद्धि का जीवंत प्रमाण है. जो एक हजार साल के इतिहास में नहीं हो पाया था, उसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उसे कर के दिखाया है. यह दिखाता है कि अन्य दलों के नेताओं की तरह प्रधानमन्त्री मोदी सिर्फ कहने में नहीं बल्कि अपने कहे को आगे बढ़कर पूरा करने में यकीन रखते हैं.
उन्होंने कहा कि  काशी विश्वनाथ धाम दृढ़ संकल्प शक्ति की मिसाल है. मुगल शासकों की क्रूरता और विध्वंस के शिकार हुए बाबा विश्वनाथ का वैभव काशी विश्वनाथ धाम के रूप में वापस लौट आया है. इस लोकार्पण से महारानी अहिल्याबाई होल्कर, महाराजा रणजीत सिंह और महात्मा गांधी जैसे युगपुरुषों और दुनिया के करोड़ों शिवभक्तों का स्वप्न पूरा हो गया है. इस मंदिर ने औरंगजेब जैसे विदेशी आक्रांताओं की क्रूरता और विध्वंस का जो दंश सहा था, यह लोकार्पण उस अन्याय का प्रतिकार है.

निर्माण की चुनौतियों के बारे में बताते हुए श्री रंजन ने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर का जो परिसर पहले 5 हजार वर्गफीट में भी नहीं था, उस परिसर का दायरा अब बढ़कर 5 लाख 27 हजार 730 वर्ग फीट तक हो गया है. इस अद्भुत नवनिर्माण में उन मंदिरों की मणिमाला भी शामिल है जो निजी भवनों के भीतर से निकले हैं. इसका निर्माण कोई समान्य काम नहीं था. इस प्रक्रिया में परिसर के आसपास की परिसंपत्तियों के असली मालिकों की पहचान कर उन्हें इस महायज्ञ में सहभागी बनने में तैयार करना था. उनसे जुड़े दुकानदारों, धर्मशालाओं, मठों और विद्यालयों का पुनर्वास और उन्हें आजीविका का वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराना था. क्षेत्रीय विरोध, धरना-प्रदर्शन, आंदोलन, अनधिकृत कब्जेदारों से लेकर जनमानस की स्थानीय समस्याएं सामने थीं, लेकिन बाबा विश्वनाथ की कृपा और सरकार की दृढप्रतिज्ञता से असंभव भी संभव हो गया.

उन्होंने कहा कि इस धाम के निर्माण के लिए वास्तुकारों ने जो सर्वे किया था उसमें वांछित भूभाग के लिए तीन सौ से अधिक संपत्तियों की आवश्यकता थी. सरकार ने उन्हें चिन्हित कर 320 मकान बाजार भाव से अधिक मूल्य पर खरीदे. योजना के दायरे में आने वाले प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार कराया गया और आज इस परिसर में 2100 वर्गफीट में स्थित मुख्य मंदिर परिसर, 29,000 वर्गफीट का विस्तारीकरण एवं उसके साथ-साथ भोगशाला, यात्री सुविधा केंद्र, आध्यात्मिक पुस्तकालय, मुमुक्षु भवन, वैदिक केंद्र, मल्टीपरपज हाल, सिटी म्यूजियम और वाराणसी गैलरी आदि पूरी भव्यता के साथ उपस्थित है. इस पुनीत कार्य के लिए देश प्रधानमन्त्री मोदी को युगों युगों तक याद रखेगा.

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