ट्विटर पर अफवाह फ़ैलाने की बजाए जनसेवा की हिम्मत दिखाए विपक्ष: डॉ संजय जायसवाल

पटना: विपक्ष को एक बार फिर से निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने कहा “ पूरे देश में व्याप्त कोरोना संकट के बावजूद भी कुछ नेताओं को ट्विटर पर झूठ फैलाने से फुर्सत नहीं मिल रही है. प्रधानमन्त्री जी के आह्वान के बाद आज जहाँ आम लोग भी एक-दुसरे की मदद के लिए बढ़-चढ़ कर आगे आ रहे हैं, वहीं खुद को गरीबों और अकलियतों का मसीहा बताने वाले तमाम नेता पूरे सीन से गायब हैं. वास्तव में इनका रिकॉर्ड खंगालें तो पिछली किसी भी आपदा में न तो इनके कार्यकर्ता दिखाई दिए हैं और न ही इनके युवराज.

पिछले वर्ष पटना में हुए जल जमाव की बात करें या उससे पहले आयी बाढ़ त्रासदी की, हर समय मुसीबत खत्म होने के बाद ही यह लोग बाहर निकलते दिखें हैं. अभी भी न तो राहत कार्यों में इनकी सहभागिता हो रही है और न ही इस लड़ाई से लड़ने के लिए जमा हो रहे फंड में. आपद के इस घनघोर समय भी यह सरकार के खिलाफ अफवाह फ़ैलाने और राहत कार्यों में मीन-मेख निकालने के अपने एकसूत्री एजेंडे पर अड़े हुए हैं. इन्होंने एक तरह से मान लिया है कि जनता की सेवा करना सिर्फ और सिर्फ भाजपा और उसके सहयोगी दलों की ही जिम्मेवारी है और इनका काम सिर्फ अड़ंगा डालने तक ही सीमित है. राजनीति को सेवा की बजाए संपत्ति जुटाने वालों से और उम्मीद भी क्या की जा सकती है.”  

जनता को विपक्ष के फ़ेर में न पड़ने की सलाह देते हुए डॉ जायसवाल ने कहा “ देश और प्रदेश की जनता इन परिवारवादी दलों की हकीकत जानती है, हालिया लोकसभा चुनाव में इसकी झलक भी दिखी. लेकिन संकट के इस काल में इनका रवैया देख कर उन लोगों की आँखे खुल जानी चाहिए जो अभी भी इनपर भरोसा कर लेते हैं. लोग यह समझ लें कि जब किसी दल के सामने जनता के जानो-माल का कोई महत्व नहीं हो, तब समझ लेना चाहिए कि वह दल देश और समाज के लिए खतरनाक हो चुका है. यह लोग अपने फायदे के लिए किस स्तर तक नीचे उतर सकते हैं, दिल्ली में सरकार के शह पर सुनियोजित तरीके से करवाई गयी भगदड़ इसका सबसे बड़ा सबूत है. लोग यह समझ लें कि जो दल आज वक्त पर उनके काम नहीं आ रहे हैं, वह उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए कैसा समाज बनायेंगे. इसलिए लोगों से मेरी अपील है इनके द्वारा फैलाए जा रहे अफवाहों के फ़ेर में पड़े. संकट के इस समय एक दुसरे की मदद करें और किसी तरह की सहयता के लिए तुरंत सरकार या भाजपा के हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें.” 

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