सर्वोच्च न्यायालय के एसआईटी तीसरे सदस्य के मनोनयन को रद्द करने के फैसले का स्वागत
Date posted: 4 दिसंबर 2018
नई दिल्ली: दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी एवं भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री सरदार आर पी सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एसआईटी में तीसरे सदस्य के मनोनयन के बिना ही जांच किये जाने के के फैसले का स्वागत किया और अब दो सदस्यीय एसआईटी कमेटी 1984 के सिख नरसंहार की जांच कर रिपोर्ट पेश करेगी।
सरदार आर पी सिंह ने बताया कि दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में हम गृह मंत्री राजनाथ सिंह से इस मामले को लेकर मिले थे और हमारी लीगल टीम के अथक प्रयासों से सिख समुदाय की आखिरी आस आज पुनः जागृत हो गई है और न्यायापालिका में सिख समुदाय का विश्वास और अटूट हो गया है।
सरदार आर पी सिंह ने कहा कि 13 नवम्बर, 2018 को सम्मानित नागरिकों का समूह जिसमें पूर्व आर्मी चीफ जनरल जे जे सिंह, नई दिल्ली से लोकसभा सांसद श्रीमती मीनाक्षी लेखी और स्वयं मैं भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से 1984 के सिख नरसंहार केस में तुरन्त सुनवाई के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की थी।
आज भारत के राष्ट्रपति के हस्ताक्षेप एवं दिल्ली भाजपा नेताओं के प्रयासों से सुप्रीम कोर्ट ने तीसरे एसआईटी सदस्य की नियुक्ति के बिना ही एसआईटी अपना काम कर सकेगी। अब दो सदस्यीय टीम जिसका नेतृत्व न्यायाधीश ढींगरा करेंगे, वे 1984 सिख नरसंहार की रिपोर्ट दो महीने के अंदर पेश करेंगे।
उन्होंने कहा कि 1984 में नृसंस सिख हत्याओं की जांच में तेजी के लिए अब सिख समुदाय को न्याय के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
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