तेजस्वी यादव संवैधानिक रूप से भी अनपढ़ है: मनोज शर्मा

बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायकमनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि संवैधानिक मूल्यों का कोई मजाक उड़ाता है, उन्हें तार-तार करता है तो बिहार में मात्र एक ही व्यक्ति है, वह तेजस्वी यादव है। तेजस्वी यादव ने संवैधानिक मूल्यों अपमानित करने का बीड़ा उठा लिया है। आज देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी पटना में थे।

बिहार विधान सभा भवन का शताब्दी वर्ष समारोह आयोजित किया जा रहा था। लेकिन प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने संवैधानिक मर्यादा का भी पालन नहीं किया। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति जी कार्यक्रम का बहिष्कार नहीं किया बल्कि उन्होंने अपने संस्कारों का परिचय दे दिया। तेजस्वी यादव ने यह भी बता दिया कि वह बिहार की जनता और ऐसे किसी भी कार्यक्रम का कोई तवज्जो नहीं देते हैं।
उनके इस आचरण से आज राघोपुर की जनता इसलिए दुखी होगी क्योंकि उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को विधानसभा भेजा, जिसे ना तो विधानमंडल के मर्यादाओं का ख्याल है ना ही संविधान के आचरणों का। शायद तेजस्वी यादव को यह चीजें चीजें छोटी लग रही होंगी, लेकिन सम्मान व्यक्ति का नहीं पद का होता है। आज उनके पास प्रतिपक्ष के नेता का पद था, उन्हें मंच पर बोलना था लेकिन, उन्होंने अपने अहंकार में इस कार्यक्रम का बहिष्कार करके अपने राजनीतिक जीवन पर काला अध्याय लिख दिया है। जिस छोटी उम्र में यह मौका मिल रहा था कि उन्हें राष्ट्रपति जी के सामने भाषण देने का, बड़े-बड़े नेता ताउम्र इस अवसर के लिए संघर्ष करते हैं। अब बिहार की जनता शायद ही इस तरह का मौका तेजस्वी यादव को नही देगी।
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने पुत्र तेजस्वी यादव को किस तरह के संस्कार दिए हैं? लालू यादव का तो अनुभव राजनीति में पांच दशक का रहा है। लेकिन अपने पुत्र को उन्होंने बिल्कुल अनपढ़ छोड़ दिया है। संवैधानिक रूप से भी तेजस्वी यादव अनपढ़ है।

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