सरस मेले में बिहार और झारखंड के उत्पाद बन रहे हैं लोगों की पसंद

नोएडा: केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा सेक्टर 33ं में आयोजित सरस आजीविका मेले में बिहार और झारखंड के उत्पाद आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। साथ ही नोएडावासी जमकर खरीदारी भी कर रहे हैं। वहीं छत्तीसगढ़ की दस्तकारी भी नोएडा वासियों को लुभा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज्य संस्थान सरस मेले को सफल बनाने एवं सरकार के प्रयासों को सार्थक करने की तैयारियों में जुटे हैं। जिसके तहत संस्थान के अधिकारी सभी स्वयं सहायता समूह से निरंतर संपर्क में हैं।

मेले के सातवें दिन गुरुवार को बिहार झारखंड और छत्तीसगढ़ के उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीददारी की। बिहार के शरफुद्दीनपुर (मुजफ्फरपुर) के ज्योति स्वयं सहायता समूह ने सूट साड़ी कुशन कवर पिलो कवर तथा बेडशीट का स्टॉल लगाया है। जिसमें सभी उत्पाद सुतली धागे से बने हैं। गुडि़या देवी के इस समुद्र में 35 महिलाएं कार्य करती हैं। पटना के गंगा स्वयं सहायता समूह की कविता देवी के साथ 16 सदस्या काम करती है। इनके सभी उत्पाद हाथ की चक्की के पिसे है। जिनमें जाता सत्तू, बेसन,चावल का आटा तथा चावल के चिप्स शामिल है। वही महादेव आजीविका स्वयं सहायता समूह के सीँक के बने उत्पाद लोगों को पसंद आ रहे हैं। इनमें टोकरी, रोटी दान, डलिया ट्रे तथा फूल टोकरी आदि शामिल है।
नरूआ ( मधुबनी) के वैष्णवी स्वयं सहायता समूह के सभी उत्पाद जूट के बने हैं। इनके उत्पादों में प्रमुख हैं बैग, लंच बॉक्स, बोतल बॉक्स तथा पेन बॉक्स आदि शामिल है। मधुबनी की ही ममता देवी जय स्वयं सहायता समूह का संचालन करती है, जिनमें 52 सदस्य काम करती हैं। इनके सभी उत्पाद मधुबनी पेंटिंग के हैं। अमरपुर (बांका) के शाहबाजिया स्वयं सहायता समूह के उत्पादों में तसर सिल्क साड़ी, दुपट्टा तथा ड्रेस मटेरियल शामिल है। पिंकी देवी द्वारा संचालित लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह के उत्पाद में गलबरी सिल्क साड़ी आकर्षण का केंद्र बनी है। वही तमन्ना स्वयं सहायता समूह की लारी की चूडि़यां महिलाओं को खूब भा रही है उजिफा खातून के साथ 30 महिलाएं कार्य करती है।मेले में झारखंड के पलाश ग्रुप के उत्पादों यहां खासी खरीदारी की जा रही है। यहां झारखंड की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पाद हैं कई अलग-अलग समूह यहां कार्य कर रहे हैं। जिनमें पलाश साबुन ऑर्गेनिक ब्यूटी प्रोडक्ट महुआ आटा किचन मसाले सरसों का तेल मक्के का आटा लेमन ग्रास अचार तथा जामुन सिरका आदि शामिल है। झारखंड की ज्वेलरी को भी सरस मेले में लोगों के द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है खुट्टी मुरु की पार्वती सोनी के जीवन ज्योति स्वंय सहायता समूह ने यहां चांदी की ज्वेलरी का स्टॉल लगाया है। जबकि लक्ष्मी महिला मंडल की जसोदा देवी ने आदिवासी चांदी की ज्वेलरी का स्टॉल लगाया हुआ है। जो कि महिलाओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
 छत्तीसगढ़ के एक ताल ( रायगढ़ ) की पद्मावती 12 सदस्य के साथ जय बूढ़ी देवी मां स्वयं सहायता समूह का संचालन करती है उनके उत्पादों में पीतल की मूर्तियां नोएडा वासियों को खूब पसंद आ रही है वही बस्तर के गंगा स्वयं सहायता समूह ने बेल मेटल मूर्तियां लौकी का लैंप, जूट का बैग, मैथ तथा खादी टॉवल  को मेले में उतारा है पवित्रा स्वयं सहायता समूह ने लोहे से बने हस्त निर्मित घर की सजावट के सामानों का स्टॉल लगाया है। समूह की संचालिका पवित्रा ने बताया कि हाथ से पैंट कर के सदस्यों ने आयरन कला को निखारा है। छत्तीसगढ़ के ही नया सवेरा महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पादों में कोसा सिल्क मैटेरियल साड़ी दुपट्टा जैकेट तथा कॉटन जाला साडि़यां शामिल है। समूह में लक्ष्मी देवी के साथ 11 महिलाएं काम करती हैं उधर सरस्वती स्वयं सहायता समूह के उत्पादों में कोसा साड़ी लाल दुपट्टा तथा शर्ट शामिल है  संचालिका अनिता बाई कश्यप ने बताया कि सभी उत्पाद हाथ से धागा बनाकर खटका मशीन द्वारा उत्पादों को निर्मित किया जाता है।
स्वयं सहायता समूह के
 उत्पादों को फ्लिपकार्ट और जेम से जोड़ने के लिए आयोजित की गई कार्यशाला
सेक्टर 33 नोएडा हॉट मैं आयोजित सरस मेले के सभी स्वयं सहायता समूह एवं उनके उत्पादों को फ्लिपकार्ट तथा जेम से जोड़ा गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान ने यह पहल देश के विभिन्न राज्यों के सभी स्वयं सहायता समूह एवं उनके उत्पादों के हितों में की है। इसके लिए दो अलग-अलग कार्यशालाओं का आयोजन किया है। कार्यशालाओं के संचालक धर्मेंद्र सिंह एवं सुधीर कुमार सिंह ने बताया कि भारत सरकार का प्रयास है कि ई-कॉमर्स के तहत ऑनलाइन मार्केटिंग देशभर में हो। इसके लिए सरकार तथा फ्लिपकार्ट के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। मेले में आए सभी स्वयं सहायता समूह की सदस्यों की फ्लिपकार्ट के अभिलाष कुमार के साथ एक वर्कशॉप आयोजित की गई जिसमें 70 समूहों ने भाग लिया। इसके साथ ही एक अन्य कार्यशाला का आयोजन जेम के आनंद मणि वाजपेई के साथ कराया गया जिसमें 60 समूह ने भागीदारी की। जैम ने समूह को रजिस्ट्रेशन कराने के विषय में जानकारी दी।

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