समाज के सबसे आखिरी व्यक्ति को समर्पित है यह जन रसोई: गौतम गंभीर

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी के पूर्वी दिल्ली से सांसद गौतम गंभीर द्वारा चौथी जन रसोई का शुभारंभ किया गया जिसका उद्घाटन भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री व राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम एवं दिल्ली प्रदेश के संगठन महामंत्री सिद्धार्थन ने किया। इस मौके पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और साथ ही कोरोना वरियर्स डॉक्टर्स व नर्सों को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल, विधायक एवं प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता अभय वर्मा, महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल, जिला अध्यक्ष रामकिशोर शर्मा, जिला महामंत्री अनिल शर्मा, यशपाल कैंतुरा एवं श्री दीपक गाबा, सहित जिला, मंडल और वार्ड के अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।
श्री दुष्यंत गौतम ने 11 कन्याओं को भोजन कराकर कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए कहा कि प्रधामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सोच “कोई भूखा ना सोये“ को भाजपा ने बखूबी साकार किया है चाहे वह कोरोना काल के दौरान हो या फिर महामारी के बाद उत्पन्न स्थिति हो। पार्टी ने हर गरीब, मजदूर और असहाय लोगों की मदद की है। उन्होंने गौतम गंभीर की प्रशंसा करते हुए कहा कि इस समय जो काम केजरीवाल सरकार को करना चाहिए वह सांसद श्री गौतम गंभीर कर कर रहे हैं। सिर्फ एक रुपये में भर पेट भोजन उपलब्ध कराकर भाजपा के जन सेवा की भावना को बनाए रखने में श्री गौतम गंभीर ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। यह कदम प्रधामंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विज़न “कोई भूखा ना सोये“ पर आधारित है।
सांसद श्री गौतम गंभीर ने कहा कि यह जन रसोई प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को समर्पित है क्योंकि उनके जन्मदिन पर हमने प्रण लिया था कि कतार में सबसे पीछे खड़ा व्यक्ति जो सच्चाई के साथ जिना चाहता है और आगे बढ़ना चाहता है। यह जन रसोई हर उस व्यक्ति को समर्पित है जिन्होंने सम्मान के साथ खाना खाना है। उन्होंने कहा कि इस जन रसोई के माध्यम से 500 लोग प्रतिदिन भोजन कर सकेंगे। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता जिस लगन और मेहनत के साथ जिते हैं उसी लगन के साथ यहां खाना भी खिलाया जाएगा।
श्री गंभीर ने केजरीवाल सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कई लोग वीर भगत सिंह का मान बढ़ाने की बात करते हैं। उन्हें मैं बताना चाहूंगा कि जो लोग भगत सिंह की बात करते हैं वे छोटे बच्चों के हाथों में अपनी तस्वीर वाला होर्डिंग्स लेकर लाल बत्ती पर धूप में खड़ा नहीं करते। जिन बच्चों के हाथों में लैपटॉप होने चाहिए उन बच्चों के हाथों को आज अपनी घटिया राजनीति का औजार बना दिया गया है। क्या इस तरह से हम प्रदूषण के विरुद्ध लड़ाई लड़ेंगे?

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