आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए नोएडा में बनेंगे दो और एबीसी सेंटर

नोएडा: आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने के लिए एनिमिल बर्थ कंट्रोल सेंटर (एबीसी सेंटर) की दो और यूनिट बढ़ाई जाएगी।इसके अलावा रिहैबिलिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। यह दोनों काम नोएडा प्राधिकरणस सीएसआर के तहत करवाएगी। इसका प्रस्ताव बोर्ड बैठक में रखा जाएगा।शहर में आवारा कुत्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मौजूदा समय में प्राधिकरण एरिया में एक लाख से ज्यादा आवारा कुत्ते हैं। यह संख्या नोएडा प्राधिकरण की तरफ से कुछ दिन पहले करवाए गए सर्वे में निकल कर सामने आई है।

लेकिन इन बेसहरा कुत्तों के नसबंदी से लेकर इलाज की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है।इसको देखते हुए नोएडा प्राधिकरण ने दो और एनिमिल बर्थ कंट्रोल सेंटर ( एबीसी सेंटर) व रिहैबिलिटेशन सेंटर बनाने का फैसला लिया है। यह दोनों ही प्रॉजेक्ट सीएसआर के तहत प्राधिकरण पूरे करवाएगा। दोनों का प्रारूप बन गया है। बोर्ड बैठक में रखकर दोनों ही प्रस्ताव पर मंजूरी लेने की तैयारी है। अधिकारियों का कहना है कि दोनों परियोजनाएं बन जाने के बाद आवारा कुत्तों को लेकर शहर में काफी समस्याएं कम हो जाएंगी।परियोजना से जुड़े प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि आवारा कुत्तों की संख्या सीमित करने के लिए अधिक संख्या में नसंबदी जरूरी है। मौजूदा समय में आवारा कुत्तों की संख्या एक लाख के ऊपर पहुंच गई है। नसंबदी के लिए लगी दो एजेंसी महीने में एक हजार के आसपास ही आवारा कुत्तों तक पहुंच पा रही हैं। ऐसे में और अब दो और यूनिट शुरू की जाएगी। इन दो सेंटर में हर महीने दो हजार से अधिक कुत्तों की नसंबदी हुआ करेगी। इसके अलावा लाए जाने वाले आवारा कुत्तों के खाने और अगर कोई बीमारी है तो उसका भी इलाज करवाने की सुविधाएं होंगी।
काटने वाले कुत्तों को 15 दिन तक रखा जा रहा है
एनिमल सेंटर में काटने वाले कुत्तों को अब 15 दिन तक रखकर उनके व्यवहार में बदलाव लाने की भी कोशिश की जा रही है। पहले 4-5 दिन में ही कुत्तों को छोड़ देते थे। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि संबंधित कुत्तों को अलग जानवरों से अलग रखकर रखा जाता है। एंटी रैबिज इंजेक्शन दिया जाता है। देखा जा रहा है कि उनको संबंधित स्थान पर छोड़ने के बाद व्यवहार में बदलाव आ रहा है।

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