उ.प्र. में अब तक कुल 1,59,23,624 सैम्पल की जांच की गयी: देवेश चतुर्वेदी

लखनऊ: अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के साथ मिलकर पराली न जलाने के लिए विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम चला रही है। ग्राम स्तर पर कृषकों के साथ प्रचार-प्रसार की मशीनरीयों के माध्यम से व्यापक गोष्ठियां आयोजित कर कृषकों को जागरूक किया जा रहा है। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों के माध्यम से पराली प्रबंधन के सम्बंध में किसानों को जानकारी दी जा रही है। एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, भारत स्काउट गाइड से भी मदद लेकर पराली प्रबंधन के सम्बंध में जागरूकता फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से खेतों की उर्वरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
श्री चतुर्वेदी ने बताया कि गत वर्ष पीलीभीत में मनरेगा के कन्वर्जन से गड्ढा बनाकर फसल अवशेष को खाद बनाने हेतु किये गये सफल प्रयोग को पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत किसानों द्वारा अपने खेत का अवशेष गड्ढे में डालकर उसके ऊपर कृषि विभाग द्वारा दिये गये वेस्ट डिकम्पोजर से कल्चर बनाकर डाला जाता है, जिससे किसान को आगामी सीजन के लिए खेत में ही आर्गेनिक खाद उपलब्ध हो जाती है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्र किसानों को सुलभ तौर पर उपलब्ध कराने के लिए कृषि यंत्रीकरण की योजना के माध्यम से फार्म मशीनरी बैंक की स्थापना एवं कृषकों को यंत्र उपलब्ध कराया जा रहा है। भारत सरकार की इस योजना के तहत कृषि यंत्रों पर 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।

प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आलोक कुमार ने कहा कि प्रदेश में कल एक दिन में कुल 1,61,081 सैम्पल की जांच की गयी। आर0टी0पी0सी0आर0 के माध्यम से 65,712 टूªनेट मशीन के द्वारा 2042 तथा रैपिड एन्टिजन किट द्वारा 93,327 टेस्ट किये गये। प्रदेश में अब तक कुल 1,59,23,624 सैम्पल की जांच की गयी है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना सेे संक्रमित 1894 नये मामले आये हैं। प्रदेश में 22,991 कोरोना के एक्टिव मामले हैं। वर्तमान में प्रदेश कोरोना संक्रमण का रिकवरी दर 93.95 प्रतिशत है, जबकि पाॅजिटिविटी दर 1.3 प्रतिशत है। वर्तमान में कुल एक्टिव मरीजों में 10,408 लोग होम आइसोलेशन में हैं।

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