सिर्फ प्रचार करने से प्रदूषण कम हो जायेगा क्या: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली:  दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण की समस्या को लेकर आज दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वर्चुअल संवाद किया। वर्चुअल संवाद से दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, प्रदेश महामंत्री कुलजीत सिंह चहलहर्ष मल्होत्रादिनेश प्रताप सिंह, मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, प्रदेश सोशल मीडिया प्रमुख पुनीत अग्रवाल, सहित प्रदेश पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, मंडल अध्यक्ष एवं कार्यकर्ता जुड़े रहे।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि प्रदूषण की समस्या को खत्म करने के लिए दिल्ली सरकार को जो काम करने चाहिए वह नहीं किये जा रहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और उनके मंत्री सिर्फ फोटो और वीडियो बनवा रहे हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल जो प्रचार पर अधिक विश्वास रखते हैं, उन्होंने दिल्ली वासियों को राहत पहुंचाने के लिए जमीन पर कोई भी काम नहीं किया। उन्होंने कहा कि पराली जलाने वाली समस्या बहुत पहले से है, क्योंकि प्रदूषण के रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार गंभीरता से कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। आज हर दिल्लीवासी किसी न किसी प्रकार से प्रदूषण से त्रस्त है। दिल्ली सरकार को प्रचार के बजाए लोगों की भलाई के लिए खर्च करना चाहिए, लेकिन आदत से मजबूर दिल्ली सरकार दिल्ली के लोगों को परेशान होने के लिए उन्हें उनके हाल पर छोड़ देती है। जैसा उन्होंने कोरोना संकट के शुरुआती दौर में भी किया था और लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया था। दिल्ली सरकार काम करना नहीं चाहती है लेकिन मोदी सरकार और नगर निगम के कामों का श्रेय लेने में सबसे आगे रहती है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल सरकार वाशिंगटन विश्वविद्यालय के साथ मिलकर मार्च 2020 तक रिपोर्ट व जून तक मॉडल तैयार कर, मॉडल के जरिए प्रत्येक दो घंटे पर वायु प्रदूषण के कारणों का पता लगाने का दावा कर रही थी। इस रिपोर्ट के बगैर ही केजरीवाल सरकार काम कर रही है। 2018 में केजरीवाल सरकार में ग्रीन बजट जारी किए जिसके तहत 26 प्रमुख घोषणाएं की गई लेकिन कुछ एक को छोड़कर एक भी घोषणा जमीन पर नहीं दिखी। स्मॉग टावर के लिए सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिलने के बाद भी केजरीवाल सरकार ने उसे नहीं लगावाया। मेट्रो फेज 4 के काम को भी लटकाए रखा। केजरीवाल सरकार ने 1000 इलेक्ट्रिक बसों का वादा किया था लेकिन केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद भी एक भी ई-बस नहीं आयी और बार-बार बसें लाने के लिये समय बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वास्तविकता में दिल्ली में प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार और नगर निगम काम कर रही है। जिसके चलते केंद्र सरकार बदरपुर थर्मल पावर प्लांट में एक यूनिट व पानीपत थर्मल पावर प्लांट में पांच यूनिक को बंद किया ताकि दिल्ली में होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके। पराली को व्यवस्थित करने के लिए मशीनें उपलब्ध करवायी गई, जिसके तहत हरियाणा ने 9000 और पंजाब ने 8000 मशीनें केंद्र सरकार से ली लेकिन दिल्ली सरकार ने मना कर दिया। 2600 ईंट के भट्टों में जिग-जैग तकनीक के उपयोग से वायु प्रदुषण में कमी आई। लगभग 2800 उद्योगों को पीएनजी गैस उपलब्ध करवायी गई जिसने वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिली। अप्रैल 2020 से बीएस 6 वाहन के प्रयोग में आने से लगभग 50 प्रतिशत ;च्डद्ध कणिक तत्व और 88.5 प्रतिशत नाइट्रस ऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आएगी। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नई सड़के, पुल, बाईपास व अंडरपास बनाएं जा रहे हैं। लगभग 30,000 ई-वाहनों को सब्सिडी दी गई, जिसमें 5000 ई-वाहन दिल्ली, हरियाणा व यूपी के है।
आदेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के कचरे की समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण में कचरे का उपयोग करते हुए पर्यावरण को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और जिसमें अब तक लगभग 11,000 एमटी मटेरियल का उपयोग किया जा चुका है। भलस्वा हो या गाजीपुर लैंडफिल साइट पर बने कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई को कम करने के लिए तेजी से नगर निगम और केंद्र सरकार मिलकर काम कर चुकी है और पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर लैंडफिल में 40 फीट पहाड़ कम कर दिया है, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री केजरीवाल जी सिर्फ फोटो खिंचवा रहे हैं। मुख्यमंत्री केजरीवाल को बताना चाहिए कि सिर्फ फोटो खिंचवाने से प्रदूषण की समस्या ठीक हो जाएगी क्या? जमीन पर कुछ काम न करके और सिर्फ अखबारों में विज्ञापन देने से प्रदूषण कम हो जायेगा क्या?

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