अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को गैस चैंबर बना दिया है: आदेश गुप्ता

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि हर बार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का अक्टूबर महीना शुरू होते ही प्रदूषण से निपटने के लिए एक प्लान तैयार करते हैं जिसमें प्रमुख रूप से हरियाणा और पंजाब सरकार के ऊपर पराली जलाने से प्रदूषण स्तर के बढ़ने का आरोप होता है।

केजरीवाल सरकार की लापरवाही का नतीजा है कि दिल्ली एक गैस चैंबर में तब्दील हो गई है। संवाददाताओं से बात करते हुए श्री गुप्ता ने कहा कि आज केजरीवाल की लापरवाही का ही नतीजा है कि दिल्लीवासियों के ग़ले में खराश, आंखों में चुभन और अन्य तरह की गम्भीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में टीबी के मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता श्री विरेन्द्र बब्बर भी मौजूद थे।
श्री आदेश गुप्ता ने कहा कि हर बार हरियाणा और पंजाब की पराली का बहाना लेकर केजरीवाल अपनी जिम्मेदारियों से बचने की कोशिश करते रहते हैं लेकिन हक़ीक़त ये है कि हरियाणा के दो शहरों करनाल जहां प्रदूषण स्तर 157 और पानीपत में 136 प्रदूषण स्तर है जबकि पंजाब के दो शहरों लुधियाना में 148 और पटियाला में 163 प्रदूषण स्तर है जबकि दिल्ली में प्रदूषण स्तर 720 है। जिससे स्पष्ट है कि हरियाणा और पंजाब का सिर्फ बहाना होता है क्योंकि दिल्ली में जो प्रदूषण का मुख्य कारण है वह है धूल जिसपर केजरीवाल ने कोई काम नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने दिल्ली प्रदूषित न हो, इसके लिए यमुना एक्शन प्लान में मोदी सरकार ने कुल 2419 करोड़ रुपये यमुना के प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिए लेकिन केजरीवाल सरकार ने उसे भी निगल लिया। आज यमुना जब हरियाणा से दिल्ली में प्रवेश करती है तो जल का बीओडी लेवल 2 होता है जबकि दिल्ली में 22 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद बीओडी लेवल 50 हो जाता है। ऐसे में यमुना में जिन 18 नालों से पानी बहकर आता है उसे रोकने के लिए केजरीवाल सरकार ने क्या किया कितने सिवरेज प्लांट लगाने का काम किया, इन सवालों का जवाब उन्हें देना चाहिए। 1400 करोड़ से ज्यादा का वातावरण उपकर इकट्ठा हुआ है उसका क्या किया, इसका जवाब भी उन्हें देना चाहिए।
श्री गुप्ता ने कहा कि केजरीवाल ने जो भी वादे किए चाहे वो ग्रीन कॉरिडोर बनाने की बात हो, धूल-कण प्रदूषण कम करने की बात हो, बैट्री व्हकिल्स बढ़ाने की बात हो, सोलर एक्टिविटी की बात हो, उनमें से एक भी आज तक पूरी नहीं किया। केजरीवाल ने साल 2018 में कुल 24 घोषणाएं प्रदूषण कम करने के लिए की थी लेकिन उनमें से एक भी पूरा क्यों नहीं हुआ? आज सड़कों पर चलने वाली गाड़ियों से जितना प्रदूषण फैल रहा है अगर परिवहन व्यवस्था बेहतर होती तो शायद लोग मजबूरन दो पहिये और चार पहियों वाली गाड़ियों का इस्तेमाल कर रहे हैं वो नहीं करते। लेकिन आज तो दिल्ली की परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। सिर्फ विज्ञापन देने से और बड़े-बड़े होर्डिंग्स में अपना प्रचार करवाने से दिल्ली का प्रदूषण कम नहीं होने वाला, उसके लिए जमीनी स्तर पर काम करने की जरूरत है।

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